2 अप्रैल 2022 से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष, विक्रम नवसंवत्सर 2079  का फल आपके लिए कैसा रहेगा, लग्न राशि एवं चन्द्र राशि पर आधारित नूतन संवत्सर २०७९ , वार्षिक राशिफल!!

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2 अप्रैल 2022 से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष,

विक्रम नवसंवत्सर 2079  का फल कैसा रहेगा,

मुहूर्त, पूजन विधि , उपाय सहित….।

हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत्सर २०७९ २ अप्रैल २०२२ को प्रातः 11:53 am से शुरू होगा। विक्रम संवत्सर चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होता है एवं पूरे भारत वर्ष में इसके विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गुडी पड़वा तो दक्षिण में उगादी  के नाम से प्रचलित है। शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने इस दिन सम्पूर्ण सृष्टि और लोकों का सृजन किया था। इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार भी हुआ था।इसी दिन भगवान राम का एवं युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी हुआ था। सम्राट विक्रमादित्य ने लगभग २००० ईसवी पूर्व इस संवत्सर की शुरुआत की थी।

इस दिन से पूरे वर्ष का पंचांग तय किया जाता है एवं नव वर्ष शुभ हो इसी कामना के साथ सभी देवी देवताओं का पूजन अर्चन किया जाता है। ऐसी मान्यता है की देवी शक्ति की अपार अनुकम्पा इस समय धरती पर होती है एवं उनकी कृपा के सानिध्य में इस नूतन वर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी नूतन वर्ष से ही शुरू होती।

इस वर्ष संवत्सर का नामनल‘ है एवं इसके राजा शनि एवं मंत्री देवगुरु बृहस्पति हैं।कुछ मत अनुसार इस संवत्सर का नाम राक्षस संवत्सर भी है एवं किसी भी संकल्प, पूजा आदि में राक्षस नामक संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा। 

 संवत्सर जिस भी दिन से शुरू होता है, उस दिन के कारक को राजा की उपाधि प्राप्त होती है। इसलिए इस संवत्सर के राजा शनि रहेंगे। 

नूतन वर्ष २०७९ में निम्न रूप से अन्य ग्रहों के विभाग बंटे हैं :

राजा : शनि 

मंत्री  : बृहस्पति 

सस्येश-सूर्य, 

दुर्गेश-बुध, 
धनेश-शनि, 
रसेश-मंगल, 
धान्येश-शुक्र, 
नीरसेश-शनि, 
फलेश-बुध, 
मेघेश-बुध  होंगे।
 
साथ ही संवत्सर का निवास कुम्हार का घर और समय का वाहन घोड़ा होगा।
 
संवत्सर फल : 
 
इस संवत्सर का फल क्या रहेगा एवं यह नूतन वर्ष क्या लेकर आएगा, इसका व्याख्यान इस ब्लॉग में दे रहे हैं। संवत्सर का वाहन घोड़ा होने से जीवन में कष्ट बड़ते हैं, प्राकृतिक आपदाएँ या फिर  बीमारियाँ आती हैं , देश तबाह होने की कगार में भी आ जाते हैं, शासकों में आपसी तनाव की स्तिथियाँ भी बड़ जाती हैं। बच्चो पर बीमारी का असर अधिक होगा। पूर्वोत्तर राज्यों एवं पूर्व में अचानक से कुछ कष्ट बड़ सकते हैं। 
 
राजा शनि होने से जीवन में कर्मठता का उदय होगा एवं मेहनत के बल पर ही आप अपने लक्ष्य को भेद पाएँगे। विधि द्वारा सरकार पर हावी होने की कोशिश भी हो सकती हैं या फिर नए लीगल जज्मेंट भी इस वर्ष निकाले जा सकते हैं, मूलतः जो जैन मानस के कल्याण हेतु निर्णय होंगे। सरकार भी इन निर्णयों की तरफ़ झुकेगी। 
इस वर्ष भारत की सभी सीमाओं पर तनाव बड़ सकते हैं विशेषकर भारत के  दक्षिण  की तरफ़ से भी तनाव बड़ सकते हैं, समुद्र में सुनामी, चक्रपात या जल प्रकोप की स्तिथियाँ भी बड़ेंगी। 
 
सरकार/ गवर्नमेंट एवं जनमानस के मध्य तनाव की स्तिथियाँ भी उपज सकती हैं लेकिन इन सभी परिस्थितियों में पब्लिक की राय अहम रहेगी एवं अंत में उन्हें मान्यता प्राप्त होगी। 
अंतर्कलह की भयंकर स्थितियां इस वर्ष उपजेंगी एवं इन्हें सम्भालने में काफ़ी मशक़्क़त होगी। 
गुरु के मंत्री होने से कुछ परोपकारी कल्याणकारी कार्य भी होते नजर आ रहे हैं एवं स्थितियों को संभालने में सरकार की पूर्ण सहमति होगी एवं सरकारी कार्यालय काफ़ी हद तक विपरीत स्थितियों को सम्भाल पाने में सक्षम भी रहेंगे। 
 
इस वर्ष की शुरुआत से ही कई ग्रहों का राशि परिवर्तन भी हो रहा है। यह भी ख़ास प्रभाव इस वर्ष में डालेगा। 
मंत्री गुरु, अपनी स्वराशि में गोचर करेंगे एवं शुभ कृत्यों की तरफ अग्रसर होंगे। जीवन में सुख शांति, अमन चैन की स्तिथियाँ देवगुरु बृहस्पति के मीन राशि में गोचर से होती जाएँगी। जुलाई से लेकर मध्य नवम्बर तक हालाँकि देवगुरु बृहस्पति वक्री रहेंगे एवं इस दौरान किसी भी प्रकार के कल्याणकारी कार्यों में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। 
 
संवत्सर के राजा शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में कुछ समय के लिए गोचर करेंगे लेकिन फिर भी अपनी स्वराशि में पूरे वर्ष रहेंगे। 

 यह स्थिति दर्शाती है की राजा एवं मंत्री दोनो की ही प्रबल स्थितियां हैं एवं दोनो ही एक दूसरे के सामने झुकने के लिए राज़ी नहीं रहेंगे एवं ठहराव की स्थितियां बनेंगी। जिस प्रकार किसान आंदोलन में राजा एवं प्रजा के मध्य कश्मकश बड़ी, कुछ उसी प्रकार की स्तिथियाँ इस वर्ष भी नज़र आ रही हैं। 

भारत वर्ष के लिए बॉर्डर टेन्शन तो रहेंगे ही लेकिन साथ ही में अंतर्कलह की स्तिथियाँ भी प्रबल रहेंगी एवं विभिन्न समुदायों में आपसी रंजिश भी बड़ सकती हैं। 

यह वर्ष बीमारी, गर्मी, महंगाई, युद्ध जैसी स्तिथियाँ, प्राकृतिक आपदाएं गृहयुद्ध, बाढ़ आदि भी लेकर आएगा। तेल, लोहा, हवाई यात्राएँ, पेट्रोलियम, फार्मा इंडस्ट्री, गैस आदि में एकदम से तेजी देखने को मिलेंगी। 

कोरोना की चौथी लहर अभी बाक़ी है एवं उसका आना तय है, यह में २०२० से कह रही हूँ, शनि एवं यम एक साथ युति करेंगे एवं यह महामारी का द्योतक है। जुलाई से नवम्बर के मध्य कोरोना के फैलने के अंदेशे काफी रहेंगे। 

नवम्बर और दिसम्बर में मंगल भी वक्री रहेगा एवं भारत ग्रहण की चपेट में भी रहेगा, यह समय उचित नहीं है एवं जनवरी तक कुछ ना कुछ प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है, युद्ध जैसी स्तिथियाँ, बॉर्डर टेंशन, शेयर मार्केट में उथल पुथल, गृह युद्ध की स्तिथियाँ भी बड़ेंगी। सेना से संबंधित कुछ निर्णय कठिन रहेंगे एवं भारत में शांति के विपरीत भी जा सकते हैं। 

हालाँकि, धार्मिक कार्यों, शिक्षा , विधि – न्याय व्यवस्था, आदि के नए आयाम खुलेंगे एवं इस संबंध में कल्याणकारी कदम भी उठेंगे। 

संवत्सर की शुरुआत के समय मिथुन लग्न उदय हो रहा है एवं लग्न का स्वामी बुध नीचस्थ होकर अस्त भी है। यह स्थिति ठीक नहीं है एवं व्यापार एवं टेलीकॉम से संबंधित  कष्ट लेकर आएगी। 

लग्न में गुरु की दृष्टि पड़ रही है जो थोड़ा सा शुभ फलदायक रहेगी।यह वर्ष खट्टे मीठे अनुभव लेकर आएगा। विदेशी नीतियों में काफ़ी बदलाव नज़र आएँगे एवं विश्व में भारत का मान बढ़ेगा एवं सम्पूर्ण विश्व में भारत एक स्टेबिलिटी लेकर आ सकता है एवं भारत के साथ अन्य देश कुछ महत्वपूर्ण समझौते या कॉन्ट्रैक्ट साइन कर सकते हैं। 

अष्टम में शनि मंगल की युति, बीमारी बड़ा सकती हैं, अंतर्द्वंद या फिर गृह युद्ध के अंदेशे भी हो सकते हैं  एवं ये भी हो सकता है की एक ही राष्ट्र में कोई दो समुदाय की आपस में भिड़ंत हो जाए। धन भाव का स्वामी चंद्रमा एकादश भाव में तो है लेकिन अस्त है, इस वर्ष विश्व में आर्थिक स्थिति कठिन रहेगी एवं इकनामिक टर्ब्युलेन्स का सामना करना पड़ सकता है। भारत में इस समय चंद्रमा में बुध की दशा चल रही है जो भारत में आर्थिक मामलों को काफ़ी हद तक संभालेगी एवं भारत की आर्थिक नीतियां  सुधरेंगी एवं आर्थिक स्थिति भी काफ़ी हद तक ठोस होती जाएगी। 

नव संवत्सर की शुरुआत केतु महादशा से होगी एवं ५ जुलाई से शुक्र की अंतर्दशा इसमें शुरू होती जाएगी। शुक्र मूल त्रिकोण का स्वामी होकर भाग्य स्थान पर बैठा है, एवं अपनी अंतर्दशा में स्थितियों को बेहतर करेगा एवं बिगड़े हालातों को सुधारने में सक्षम रहेगा। 

देखा जाए तो इस वर्ष में कष्ट तो है, प्रतिकूल स्थितियों का सामना भी करना पड़ेगा लेकिन दशा – अंतर्दशा के सपोर्ट की वजह से काफी मामले सुधर जाएँगे एवं जो भी मुश्किल है इसमें भी काफी हद तक सुधार की गुंजाइश रहेगी। 
 
विभिन्न राशि के लिए यह नव संवत्सर कैसा रहेगा : यह आपकी लग्न राशि एवं चन्द्र राशि पर आधारित है :
 
१: मेष राशि : 
आपके लिए इस संवत्सर खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे। लग्न में राहु की स्थिति मानसिक तनाव लेकर आ सकती है। इस वर्ष आप अपनी पर्सनालिटी की तरफ़ काफ़ी ध्यान देंगे एवं उसमें कुछ बदलाव भी लेकर आ सकते हैं। गुरु का बारहवें भाव में गोचर आपको कष्ट पहुँचा सकता है। हालांकि कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी एवं मान सम्मान बड़ेगा। आय में वृद्धि होगी। इस वर्ष बीमारी आदि की चपेट में आ सकते हैं एवं इस तरफ़ आपको ध्यान देने की आवश्यकता है। 
 
२: वृषभ राशि :
वृषभ राशि वालों के लिए सुख समृद्धि  के संयोग बनेंगे एवं कार्य क्षेत्र में मान सम्मान बड़ेगा। आपके बोस इस वर्ष आपको सपोर्ट करेंगे एवं कुछ बेहतर रिस्पोंसिबिलिटी भी दे सकते हैं। भाग्य में उन्नति होगी एवं बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद से समय अनुकूल होता जाएगा। प्रॉपर्टी आदि द्वारा सुख प्राप्त होगा। थकान अधिक महसूस होगी। आर्थिक मामलों को सम्भाल कर रखें अन्यथा हानि हो सकती है। संतान संबंधित कष्ट भी बड़ सकते हैं। शनि एवं गुरु की प्रबल स्थिति आपके लिए भाग्यवर्धक है। 
 
३: मिथुन राशि : 
 
मिथुन राशि वालों के लिए यह वर्ष सम्भल कर आगे बढ़ने वाला वर्ष है। लग्न का स्वामी नीच का होकर अस्त भी है। यह मिले जुले असर लेकर आएगा एवं मानसिक अशांति महसूस होगी। आपको मई – जुलाई के बीच में थोड़ी राहत महसूस होगी लेकिन पूरे वर्ष किसी ना किसी बात को लेकर मन दुखी रहेगा। स्वास्थ्य सम्बंधित कष्ट बड़ सकते हैं एवं किसी गंभीर बीमारी का भी सामना करना पड़ सकता है। कार्य क्षेत्र में खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे। भाग्य आपका साथ देगा एवं इस वजह से स्तिथियाँ धीरे धीरे अनुकूल होती जाएँगी। 
 
४: कर्क राशि :
 
कर्क राशि वालों के इस वर्ष विवाह आदि के प्रबल संयोग बन रहे हैं। वैवाहिक जीवन में खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे। हालांकि आपके लिए कार्य क्षेत्र में थोड़ा सा असमंजस की स्तिथियाँ रहेंगी एवं पॉलिटिकल मदद के द्वारा कई मसले हल होते नज़र आ रहे हैं। आर्थिक मामलों के लिए यह वर्ष बेहतर है एवं धन लाभ की स्थितियां बनती जाएँगी।  इस वर्ष आप अपनी सेहत को लेकर थोड़ा सा परेशान हो सकते हैं। अधिक सोचना भी आपके लिए सेहत में नकारात्मक परिणाम लेकर आ सकता है। घर में भी मन कम लगेगा एवं गर्मियों में  शनि की ढैय्या के असर में भी रहेंगे।   माता की सेहत को लेकर भी परेशान इ दब सकती हैं। वाहन आदि चलते वक्त भी सावधानी बरतें तो बेहतर होगा। 
 
५: सिंह राशि :
 
सिंह राशि वालों के लिए, आपके लग्न का स्वामी वर्ष की शुरुआत में अष्टम में गोचर करेगा एवं कुछ मामलों को लेकर मानसिक चिन्ताएँ बड़ सकती हैं एवं कॉन्फिडेंस में भी कमी आएगी। आपको इस समय अपनी सेहत की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है। हालांकि गर्मियों में समय अचानक से अनुकूल होता जाएगा एवं आपके मन माफ़िक़ बदलाव जीवन में नज़र आएँगे। इस वर्ष संतान संबंधित चिंतायें बड़ सकती हैं। गूढ़ विद्याओं की तरफ़ भी रुचि बड़ सकती हैं। इस वर्ष आपको कई छोटी यात्राएँ भी करनी पड़ सकती हैं। इस वर्ष आपके लिए खर्चे बड़ सकते हैं। 
 
६: कन्या राशि :
 
कन्या राशि वालों के लिए यह वर्ष कुछ खट्टे मीठे अनुभव लेकर आ सकता है। संतान संबंधित सुख प्राप्त होगा एवं नौकरी/ इंटरव्यू द्वारा भी अच्छी सफलता इस वर्ष हासिल होगी। राहू के अष्टम गोचर की वजह से रिसर्च मामलों में काफ़ी रुचि रहेगी लेकिन अचानक से किसी भी निर्णय पर पहुँचने से जीवन में कोई ना कोई कष्ट अचानक से बड़ सकते हैं। वैवाहिक जीवन को लेकर थोड़ा सा कॉन्फिडेंस गड़बड़ाएगा लेकिन गुरु का गोचर आपके लिए खट्टे मीठे अनुभव लेकर आएगा। 
 
७: तुला राशि 
तुला राशि वालों के लिए इस वर्ष कुछ नवीनीकरण के संयोग बन रहे हैं। घर में रिनोवेशन भी करवा सकते हैं, नया वाहन आदि भी कर सकते हैं। इस वर्ष घर बार से संबंधित मामलों में ख़ुशियाँ दस्तक देंगी। संतान संबंधित सुख इस वर्ष प्राप्त होगा विशेषकर मई  से जुलाई के मध्य एवं फिर जनवरी से मार्च तक शुभ समय होगा। लग्न में केतु के गोचर से जीवन से थोड़ा सा विरक्ति  महसूस करेंगे एवं सिर दर्द की परेशानी भी बड़ सकती है। अपने जीवन साथी को लेकर चिन्ताएँ बड़ सकती हैं। इस वर्ष आप अपनी मेहनत के बल पर जीवन में सफलता प्राप्त करेंगे। किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा करना आपके लिए कष्टदायक हो सकता है।सेहत की तरफ़ ध्यान देने की आवश्यकता है।
८: वृश्चिक राशि :
वृश्चिक राशि वालों के लिए यह मिले जुले असर लेकर आएगा। गृह सज्जा की तरफ़ काफ़ी आकर्षित रहेंगे एवं अपने घर में कुछ बदलाव भी लेकर आएँगे। विदेश में घूमने फिरने के अवसर प्राप्त होंगे एवं जीवन साथी के साथ प्रेम संबंध सुदृढ़ होते जाएँगे। लव लाइफ़ में यह वर्ष सुकून लेकर आएगा। इस वर्ष आपको अपनी संतान द्वारा सुख भी प्राप्त होगा। आप अपनी व्यवहार कुशलता  द्वारा  अपने लक्ष्य को हासिल करने में सक्षम रहेंगे। हालांकि गर्मियों में कुछ समय के लिए शनि की ढैय्या के असर में भी रहेंगे एवं इस समय चिन्ताएँ बड़ सकती हैं। कार्य क्षेत्र में भी उन्नति होगी , मान सम्मान बड़ेगा। इस वर्ष की शुरुआत में किसी बीमारी को लेकर या फिर किसी प्रॉपर्टी को लेकर काफ़ी चिंताओं से घिरे रहेंगे। राहु के छठे घर में गोचर से कोर्ट कचहरी के मामले आपके हक़ में आएँगे, क़र्ज़ों से मुक्ति प्राप्त होगी एवं सेहत में सुधार आएगा।  लेकिन लग्न के स्वामी मंगल के गोचर से जीवन में सुख शांति प्राप्त होगी।
९ : धनु राशि :
धनु राशि वालों के लिए भी इस वर्ष खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे।। गर्मियों के मौसम में यानी की मई  से लेकर जुलाई एवं फिर जनवरी से लेकर मार्च तक शुभ समय रहेगा क्यूँकि आप अपनी शनि की साढ़ेसाती से बाहर आ जाएंगे एवं जीवन में कष्टों से मुक्ति प्राप्त होगी। वैसे इस वर्ष में काफ़ी समय साढ़ेसाती का असर भी रहेगा। लेकिन जाती हुई साढ़ेसाती आपके लिए शुभ फल लेकर आएगी। गुरु का गोचर आपके चतुर्थ भाव में रहेगा एवं कर्म स्थान को पूर्ण दृष्टि से देखेगा। आपके कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी एवं विदेश भ्रमण के संयोग भी बनेंगे। वर्ष की शुरुआत में भाग्येश चतुर्थ भाव में प्रबल होकर बैठ रहा है एवं घर बार द्वारा प्रसन्नता बड़ेगी। आय के नए स्रोत खुलेंगे एवं धन लाभ होगा। इस वर्ष संतान को लेकर चिंतायें बड़ सकती हैं। 
 
१० : मकर राशि :
 
मकर राशि वालों के लिए इस वर्ष कुछ राहत का समय भी रहेगा एवं आप कुछ समय के लिए शनि  की साढ़ेसाती के उतार में आ जाएंगे जिस से आपके कष्ट में कमी आएगी एवं मानसिक तनाव भी घटेगा। वर्ष की शुरुआत में उच्च का मंगल आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आएगा एवं मान सम्मान बड़ाएगा। इस वर्ष विवाह के शुभ संयोग बन सकते हैं लेकिन शुरुआत में इसमें थोड़ा सा अड़चन भी आ सकती हैं। स्वास्थ्य की तरफ़ ध्यान देने की आवश्यकता है। इस वर्ष आप अपनी मेहनत के बल पर सफलता हासिल करेंगे। 
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११: कुम्भ राशि :
 
कुंभ राशि वालों के लिए इस वर्ष धन आगमन के शुभ संयोग बनेंगे। मान सम्मान बढ़ेगा एवं गुरु के गोचर से समय अनुकूल होता जाएगा।कार्य क्षेत्र में उन्नति होगी एवं स्टेबिलिटी आएगी। हालांकि ये भी ध्यान रखने योग्य बात है की आप शनि की साढ़ेसाती के असर में पूर्ण रूप से रहेंगे एवं इस समय कुछ विपरीत स्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है। शनि के बारहवें भाव में गोचर से जीवन में वैराग्यता भी महसूस कर सकते हैं एवं मानसिक चिंता बड़ सकती हैं। राहू के तृतीय स्थान में गोचर आपके लिए शुभ संकेत लेकर आ रहा है एवं सफलता सूचक है। इस वर्ष आपकी लव लाइफ में कष्ट हो सकते हैं एवं संतान संबंधित दुःख भी बड़ सकता है।
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१२: मीन राशि :
 
मीन राशि वालों के लिए १३ अप्रैल से जीवन में शुभता आएगी एवं मान सम्मान में वृद्धि होगी।  विद्यार्थियों के लिए यह वर्ष शुभ है एवं सफलता प्राप्त होगी। लव लाइफ में भी समय अनुकूल रहेगा एवं आपसी प्रेम में वृद्धि होगी। मई  – जुलाई के मध्य में आप साढ़ेसाती के प्रभाव में रहेंगे एवं जीवन में कुछ परिवर्तन के योग भी बनेंगे। फिर जनवरी २०२३ से आप पुनः साढ़ेसाती के प्रभाव में आ जाएंगे एवं मेहनत के बल पर जीवन में आगे बड़ेंगे। इस वर्ष अचानक से धन आगमन के संयोग बनाएगा एवं लॉटरी आदि द्वारा भी फायदे हो सकते हैं। घर परिवार, मातृसुख, जीवन साथी से संबंध में इस वर्ष खटास आ सकती हैं।
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