गुरु का ६ अप्रैल २०२१ को कुम्भ राशि में गोचर, कैसा रहेगा आपके जीवन में इसका प्रभाव, किन राशियों के लिए होगा शुभ, किनको बरतनी पड़ेगी सावधानी …!!

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गुरु का ६ अप्रैल २०२१ को कुम्भ राशि में गोचर,

कैसा रहेगा आपके जीवन में , इस परिवर्तन का प्रभाव, 

किन राशियों के लिए होगा शुभ, किनको बरतनी पड़ेगी सावधानी !!

देव गुरु बृहस्पति बदल रहे हैं अपनी चाल, ५- ६ अप्रैल रात्रि १:५० मिनट में गुरु का होगा कुम्भ राशि में गोचर।

६ अप्रैल २०२१ से लेकर दोपहर ११:४३ , १४ सितम्बर २०२१ तक

 फिर रात्रि २:०६  बजे, २१ नवम्बर २०२१ से लेकर शाम ४:५८ , १३ अप्रैल २०२२ तक कुम्भ राशि में रहेंगे। 

१५ सितम्बर २०२१ से लेकर २० नवम्बर २०२१ के मध्य में गुरु उल्टी चाल चाल कर वापस मकर राशि में प्रवेश करेंगे एवं मकर राशि का फल देंगे। 

इस परिवर्तन का विभिन्न राशियों में क्या रहेगा असर एवं कौन सी राशि वालों को बरतनी पड़ेगी सावधानी जानिए इस ब्लॉग में। 

देवगुरु बृहस्पति अपनी नीच राशि यानी की मकर राशि को छोड़ कर प्रवेश करेंगे कुम्भ राशि में, हालाँकि कुम्भ राशि में भी यह परिवर्तन कोई बहुत शुभ नहीं है क्यूँकि कुम्भ राशि के भी गुरु की शत्रु राशि है, लेकिन फिर भी मकर राशि से बेहतर परिणाम इस गोचर के अवश्य होंगे। 

ध्यान देने योग्य बात ये है की, गुरु के इस परिवर्तन में अधिकतर समय गुरु अभी भी या तो वक्रि रहेंगे या फिर १४ सितम्बर से २१ नवम्बर के मध्य में वापस मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि परिवर्तन के इन तेरह महीनो में भी स्तिथियाँ थोड़ी बदहाल ही रहेंगी।

कोरोना काल में यह समय अनुकूल नहीं है एवं गुरु जो की ऑक्सिजन के भी कारक है पीड़ित होने की वजह से सामान्य जन में ऑक्सिजन की कमी एवं फेफड़ों की तकलीफ़ बड़ा सकती है। कोरोना अभी जाएगा नहीं, यह में कई बार मार्च २०२० से लेकर पूरे वर्ष भार में कह चुकी हूँ फिर चाहे वह मेरे You Tube video  हों या फिर ब्लॉग या फिर TV Channel में दिए interview हों, सभी में मैंने यह कई बार कहा है कि अभी अप्रैल २०२२ तक सावधानी बरतें अन्यथा कष्ट बड़ेगा एवं कोरोना से ग्रस्त हो सकते हैं।

 बृहस्पति government यानी की सरकार के भी कारक होते हैं। अप्रैल से जून मध्य तक सरकार के लिए कुछ सुकून प्राप्त होगा लेकिन फिर गुरु के वक्रि होते ही सरकारों द्वारा कुछ नकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं जो जन विरोध का कारक भी हो सकते हैं। सितम्बर से नवम्बर के मध्य इस तरह के सरकार एवं जन मानस  में विरोधाभास की स्तिथियाँ पैदा होती रहेंगी। 

व्यक्तिगत स्तर पर इस राशि परिवर्तन का क्या रहेगा आप पर असर, यह चंद्र राशि एवं लग्न राशि पर आधारित होकर बतलाया गया है। 

मेष :

मेष राशि वालों के लिए गुरु का गोचर उनके एकादश भाव में होगा जो जीवन में वृद्धि लेकर आएगा। प्रॉपर्टी द्वारा फ़ायदे हो सकते हैं या फिर नयी प्रॉपर्टी भी बन सकती है। भाग्येष होकर भाग्य में वृद्धि होगी एवं विदेश गमन के संयोग भी बनेंगे। इस वर्ष धन सम्पत्ति द्वारा भी लाभ की स्तिथियाँ बनेंगी।

१५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य मेष राशि वालों को कार्य क्षेत्र में मुश्किलें आ सकती हैं एवं भाग्य भी क्षीण रहेगा। फिर २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा प्रगति के पथ पर मार्ग प्रशस्त होगा।  

वृषभ :

वृषभ राशि वालों के लिए यह गोचर उनके दशम स्थान पर पड़ेगा। कार्य क्षेत्र में कुछ उन्नति के आसार तो रहेंगे लेकिन आपकी अपेक्षाओं से कमतर रहेंगे। धन वृद्धि के अच्छे संयोग बन सकते हैं एवं घर में कुछ सुधार या परिवर्तन लेकर आ सकते हैं। सेहत में भी थोड़े सुधार इस समय सम्भव हैं। हालाँकि यह परिवर्तन आपके लिए सामान्य फल लेकर ही आएगा। 

१५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य वृषभ राशि वालों को अवरोधों का सामना करना पड़ सकता है, भाग्य साथ नहीं देगा एवं प्रॉपर्टी आदि के मसलों पर समस्याएँ बड़ सकती हैं। इन दो महीनो के पश्चात भाग्योदय के मार्ग  २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा खुलेंगे एवं सुख समृद्धि प्राप्त होगी। 

मिथुन : 

मिथुन राशि वालों के लिए यह गोचर आपके भाग्य स्थान पर रहेगा। मान सम्मान में वृद्धि होगी, आपकी सूझ बुझ की तारीफ़ें  होंगी, सेहत में भी सुधार आएगा एवं छोटे भाई बहनों से सम्बंध सुधरेंगे। आप अपनी व्यव्हार कुशलता द्वारा अपने कई कार्य सिद्ध करने में सफल रहेंगे।   संतान संबंधित सुख प्राप्त होगा एवं छात्र वर्ग के लिए विद्या अर्जन करने के कई मार्ग खुलेंगे एवं सफलता भी हासिल करेंगे। 

मिथुन राशि वालों के लिए १५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य पाँव में तकलीफ़ बड़ सकती है, पेट सम्बंधित समस्याएँ भी बड़ सकती हैं एवं जीवन साथी के साथ मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं। यह समय क्षणिक रहेगा एवं  २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा उन्नति होगी एवं समय अनुकूल होता जाएगा। 

कर्क : 

कर्क राशि वालों के लिए यह गोचर आपके अष्टम स्थान पर रहेगा एवं मानसिक कष्ट बड़ायेगा। हालाँकि धन वृद्धि के संयोग भी बनाएगा। भाग्य में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं एवं मेहनत द्वारा सफलता हासिल करने का समय रहेगा। सेहत की तरफ़ भी आपको ख़ास ध्यान देने की आवश्यकता है। धन वृद्धि के संयोग बन रहे हैं एवं घर में कुछ रेनोवेशन भी करवा सकते हैं। 

सिंह :

आपके सातवें स्थान पर गुरु का गोचर रहेगा जो की आपके लग्न को पूर्ण दृष्टि से देखेगा। यह आपके लिए मान सम्मान की वृद्धि का कारक रहेगा। जीवन में सम्पूर्णता लेकर भी आएगा। आप अपनी व्यवहार कुशलता द्वारा अपने प्रोजेक्ट या कार्य को पूर्ण करने में सक्षम रहेंगे एवं लाभ की स्तिथी में रहेंगे। प्रॉपर्टी द्वारा भी लाभ प्राप्त होगा एवं किसी नयी प्रॉपर्टी में निवेश का मन भी बनेगा। संतान संबंधित ख़ुशियाँ दस्तक देंगी एवं समय रोमांटिक बीतेगा। 

सिंह राशि वालों के लिए गुरु के वापस मकर राशि में गोचर से तकलीफ़ें बड़ सकती हैं  । यह समय १५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य रहेगा एवं आपके जून्यर भी आपकी नहीं सुनेंगे एवं हो सकता है की आपको इस समय धोखा दें ।  २१ नवम्बर २०२१  के पश्चात समय अनुकूल होने लगेगा एवं जीवन में सुख शांति महसूस करेंगे। जीवन साथी से संबंधित कष्ट बड़ सकते हैं। 

कन्या :

कन्या राशि वालों के लिए इस गोचर द्वारा कई खट्टे मीठे संयोग बनेंगे।धन वृद्धि के संयोग तो बन सकते हैं एवं कार्य क्षेत्र में भी कुछ सफलता प्राप्त हो सकती है। जीवन साथी की सेहत को लेकर थोड़ा सा चिंताओं से घिरे रहेंगे एवं उनके स्वास्थ्य में परेशानियाँ भी बड़ सकती हैं। माता की सेहत को लेकर भी चिन्ताएँ बड़ सकती हैं। यात्राओं को इस वर्ष टाल दें तो बेहतर होगा।

१५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य कन्या राशि वालों को संतान संबंधित कष्ट प्राप्त हो सकते हैं। विद्या अर्जन में या फिर इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रयास अधिक करने पड़ेंगे।   

तुला :

गुरु का गोचर तुला राशि वालों के लिए कई नए आयाम खोलेगा एवं सुकून लेकर आएगा। तुला राशि वालों के लिए यह समय अनुकूल है एवं मान सम्मान की वृद्धि कारक  स्तिथियाँ बड़ती जाएँगी। पंचम भाव में गुरु की स्तिथियाँ आपके लिए सफलता सूचक रहेगी। प्रॉपर्टी आदि द्वारा लाभ होगा, धन वृद्धि होगी एवं सुख समृद्धि के संयोग बनेंगे। भाग्योदय की सम्भावनाएँ भी अधिक रहेंगी। मिला जुला कर यह परिवर्तन आपके लिए काफ़ी शुभ रहेगा। 

तुला राशि वालों को १५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य सावधानी बरतनी चाहिए। माता को कष्ट होगा। गृह क्लेश की सम्भावनाएँ भी बड़ेंगी या फिर घर से संबंधित चिंताओं का सामना करना पड़ सकता है।  २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा स्तिथियाँ सुधरेंगी , सुकून प्राप्त होगा एवं प्रगति के पथ पर मार्ग प्रशस्त होगा।

वृश्चिक :

वृश्चिक राशि वालों के लिए यह गोचर आपके चतुर्थ भाव में रहेगा, इसका मिला जुला असर आपके जीवन में इस गोचर द्वारा रहेगा। आपके लिए इस परिवर्तन से करीयर में बड़ोतरी होगी एवं सफलता प्राप्त होगी। विदेश यात्राओं के संयोग बन रहे हैं एवं विदेशियों द्वारा भी सफलता हासिल कर सकते हैं। संतान संबंधित सुख रहेगा एवं धन वृद्धि भी होगी। घर परिवार में आपसी मतभेद बड़ सकते हैं, माता की सेहत में कष्ट बड़ सकते हैं  एवं अगर रेनोवेशन आदि कर रहे हैं तो थोड़ा सा कष्ट बड़ सकता है।

१५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य वृश्चिक राशि वालों के मनोबल एवं आत्मविश्वास में कमी रहेगी , छोटे भाई बहनों के साथ मतभेद बड़ सकते हैं। धार्मिक कृत्यों में शामिल होंगे एवं धार्मिक यात्राएँ कर सकते हैं।  २१ नवम्बर २०२१  से आपके लिए समय अनुकूल होने लगेगा एवं सुख शांति प्राप्त होगी। 

धनु :

गुरु धनु राशि के स्वामी भी हैं एवं धनु राशि वालों के लिए यह गोचर आत्मबल एवं आत्मविश्वास बड़ाने वाला गोचर रहेगा। छोटे भाई बहनों के साथ सम्बंध में सुधार आएगा एवं मित्रों द्वारा भी शुभ परिणाम प्राप्त होंगे। भाग्योदय की स्तिथियाँ प्रबल होती जाएँगी एवं आपके जीवन में अचानक से लोग आते जाएँगे जो आपकी मदद करेंगे। धार्मिक कृत्यों में मन लगेगा एवं धार्मिक यात्राओं के संयोग भी बनेंगे। घर में रेनोवेशन अगर करवा रहे हैं तो बेहतर परिणाम सामने आएँगे। नए वाहन आदि को ख़रीदने के संयोग भी बनेंगे। 

धनु राशि के लिए १५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य का समय अत्यंत संवेदनशील है। पिछले वर्ष भी आपने काफ़ी कष्ट सहे हैं एवं यह समय भी कुछ इसी तरह का रहने वाला है। धन हानि हो सकती है। मानसिक अशांति महसूस करेंगे। हालाँकि, २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा काफ़ी सुकून महसूस करेंगे, मन प्रसन्न रहेगा एवं उन्नति होगी। 

मकर : 

मकर राशि वालों को गुरु के इस परिवर्तन से काफ़ी सुकून प्राप्त होगा। मानसिक कष्ट जो पिछले वर्ष भुगत रहे थे वह अचानक से कम होता जाएगा  एवं आंतरिक शांति प्राप्त होगी। धन वृद्धि के शुभ संयोग बनेंगे। कार्य क्षेत्र में अचानक से उन्नति होगी एवं प्रोजेक्ट सफल होते जाएँगे। सेहत में भी सुधार इस वर्ष आपको दिखाई देगा। आप अपनी कूटनीति द्वारा भी काफ़ी सफलता परपत कर पाएँगे। आपके लिए मान सम्मान की स्तिथियाँ भी बड़ेंगी। 

१५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य मकर राशि वालों को मानसिक अशांति महसूस होगी एवं असुरक्षा की भावना बड़ेगी। हालाँकि २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा स्तिथियाँ अनुकूल होने लगेंगी एवं  प्रगति के पथ पर मार्ग प्रशस्त होगा।

कुम्भ :

गुरु का गोचर आपकी अपनी कुम्भ राशि में हो रहा है।यह परिवर्तन आपके लिए शुभ संयोग लेकर आएगा एवं मान सम्मान की स्तिथियाँ बड़ेंगी। पिछले वर्ष आपको काफ़ी कष्टों का सामना करना पड़ा था लेकिन इस वर्ष से आपके लिए शुभ स्तिथियाँ बनती जाएँगी एवं लोग आपकी सूझ बुझ एवं आपके दृष्टिकोण का सम्मान करेंगे। जीवन साथी के साथ सम्बंध मधुर होंगे। संतान संबंधित ख़ुशियाँ दस्तक देंगी। विद्या अर्जन करने के लिए यह समय अत्यंत शुभ है एवं नौकरी आदि में भी अच्छी सफलता प्राप्त होगी। प्रॉपर्टी द्वारा भी फ़ायदे प्राप्त होंगे। सुख समृद्धि के शुभ संयोग बड़ेंगे।  

१५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य कुम्भ राशि वालों को व्यर्थ के ख़र्चों का सामना करना पड़ सकता है। धन हानि होगी, कार्य क्षेत्र में भी कष्ट उत्पन्न हो सकते हैं। अनजान लोगों से भी धोखा मिल सकता है। यह समय क्षणिक रहेगा एवं  २१ नवम्बर २०२१  से दोबारा सुख शांति प्राप्त होगी। 

मीन : 

आपकी अपनी राशि के स्वामी है देवगुरु बृहस्पति। गुरु अपने नीच के गोचर एवं अपनी पीड़ित अवस्था से निकल कर काफ़ी सुकून महसूस करेंगे , यह सुकून आपके जीवन में भी दृष्टि डालेगा। हालाँकि यह गोचर आपके बारहवें भाव में हो रहा है लेकिन आपके लिए फिर भी काफ़ी शुभता लेकर आ सकता है। सेहत में सुधार आएगा। घर परिवार में समृद्धि के संयोग बनेंगे। नए वाहन को ख़रीदने का मन भी बना सकते हैं। विदेश गमन के संयोग बनेंगे। 

मीन राशि वालों का १५ सितम्बर से लेकर २० नवम्बर के मध्य समय अनुकूल रहेगा एवं सफलता प्राप्त होगी। प्रॉपर्टी में भी फ़ायदे हो सकते हैं। गुरु के एकादश भाव में इस समय गोचर से सफलता प्राप्त करेंगे।  २१ नवम्बर २०२१  के पश्चात स्तिथियाँ वैसे तो अनुकूल होती जाएँगी लेकिन आपकी अपेक्षाओं से कमतर होंगी। 

ज्योतिषाचार्या नन्दिता पाण्डेय 

email : soch.345@gmail.com 

+91-9312711293

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