22 मार्च  2023 से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष, विक्रम नवसंवत्सर 2080  का फल कैसा रहेगा, मुहूर्त, पूजन विधि , उपाय सहित…. आपकी राशि में क्या रहेगा इसका असर।

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22 मार्च  2023 से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष,

विक्रम नवसंवत्सर 2080  का फल कैसा रहेगा,

मुहूर्त, पूजन विधि , उपाय सहित….।

हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत्सर 2080 की शुरुआत २२ मार्च २०२३ से शुरू हो रहा है। वैसे तो प्रतिपदा तिथि २१ मार्च २०२३ में रात्रि १०:५२ मिनट से शुरू होकर २२मार्च रात्रि ८:२० मिनट तक रहेगी। उदया तिथि २२ मार्च को होने से नवसंवत्सर २२ मार्च २०२३ से शुरू होगा।

विक्रम संवत्सर चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होता है एवं पूरे भारत वर्ष में इसके विभिन्न रूपों में मनाया जाता है। महाराष्ट्र में गुडी पड़वा तो दक्षिण में उगादी  के नाम से प्रचलित है। 

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्माजी ने इस दिन सम्पूर्ण सृष्टि और लोकों का सृजन किया था। इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार भी हुआ था।इसी दिन भगवान राम का एवं युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी हुआ था। 

चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने लगभग २००० ईसवी पूर्व इस संवत्सर की शुरुआत की थी।सम्राट विक्रमादित्य का साम्राज्य विश्व में फैला हुआ था, फिर रोम हो या अफ़्रीका, चीन हो या कोरिया, दक्षिण में लंका हो या इंडोनिसिया, मिस्र हो या अरब देश, अफगानिस्तान , पाकिस्तान, बांग्लादेश, बर्मा सभी इस साम्राज्य में सम्मिलित थे।  ऐसा माना जाता है की उनके साम्राज्य में कभी कोई भूखा नहीं सोता था ना ही कोई कर्ज में डूबा रहता था। शकों को हरा कर इस दिन की स्मृति में सम्राट विक्रमादित्य ने नवयुग की शुरुआत एक नए नवसंवत्सर के साथ की जिसे कि हम विक्रम संवत्सर के नाम से जानते हैं।

इस दिन से पूरे वर्ष का पंचांग तय किया जाता है एवं नव वर्ष शुभ हो इसी कामना के साथ सभी देवी देवताओं का पूजन अर्चन किया जाता है। ऐसी मान्यता है की देवी शक्ति की अपार अनुकम्पा इस समय धरती पर होती है एवं उनकी कृपा के सानिध्य में इस नूतन वर्ष की शुरुआत होती है। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत भी नूतन वर्ष से ही शुरू होती।

इस वर्ष संवत्सर का नाम ‘पिंगल ‘ है एवं इसके राजा बुध एवं मंत्री शुक्र रहेंगे।  किसी भी संकल्प, पूजा आदि में पिंगल नामक संवत्सर का ही प्रयोग किया जाएगा। इस संवत्सर में अग्नि युक्त व्याधियाँ अधिक रहेंगी।आपस में लड़ाई झगड़े अधिक रहते हैं। विश्व में असामाजिक तत्व अधिक एक्टिव हो जाते हैं , अशांति बढ़ती है एवं आंतरिक कलह या फिर कुछ देशों में आपसी युद्ध की स्थितियां बनती हैं।

संवत्सर जिस भी दिन से शुरू होता है, उस दिन के कारक को राजा की उपाधि प्राप्त होती है। इसलिए इस संवत्सर के राजा बुध रहेंगे।

नूतन वर्ष २०७९ में निम्न रूप से अन्य ग्रहों के विभाग बंटे हैं :

राजा : बुध           मंत्री  : शुक्र    मेघेश : गुरु 

संवत्सर फल : 

हिन्दू नववर्ष की शुरुआत दो बेहद शुभ योगों के साथ होने जा रही है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा यानी 22 मार्च 2023 को उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में शुक्ल और ब्रह्म योग बन रहे हैं।

२२ मार्च को जब उदया तिथि जागृत होगी तब गुरु अपनी मीन राशि में लग्न में गोचर करेंगे एवं इस समय गजकेसरी योग भी बन रहा है एवं शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में गोचर कर रहे हैं। यह आने वाले वर्ष के लिए कुछ शुभ संयोग बना रहे हैं एवं इनकी वजह से गवर्नमेंट के कुछ निर्णय जनता के हित में अवश्य रहेंगे।

भारत का वैश्विक स्तर में मान बढ़ेगा एवं विदेश नीति में सकारात्मक बदलाव नज़र आएँगे। हालांकि बुध के अस्त होने से घर में अशांति बड़ सकती है एवं भारत के अंदर आर्थिक स्थिति रहेगी एवं उन्नति में अवरोध आ सकते हैं। युवा वर्ग में अधिक अशांति रहेगी एवं ग़लतफ़हमियाँ भी बड़ सकती हैं एवं आंतरिक कलह की भी स्थितियां बनेंगी। भारत के लिए यह वर्ष खट्टे मीठे अनुभव लेकर आएगा। विद्या से समबंधित किसी निर्णय को लेकर भी कष्ट बड़ सकते हैं या फिर विरोध उत्पन्न हो सकते हैं। जुलाई २०२३ तक का समय भारत के लिए कठिन रहेगा एवं जीवन में कन्फ़्यूज़न एवं अधिक वर्षा, बादल का फटना या चक्रवात आदि द्वारा कष्ट बड़ सकते हैं।

१३ जुलाई २०२३ के पश्चात, स्तिथियाँ बेहतर होती जाएँगी एवं भारत के लिए भाग्योन्नति की स्थितियां बनेंगी।  कुछ कठिन समय तो रहेगा लेकिन फिर भी मान सम्मान बढ़ाने की स्थितियां संवत्सर के आखिर तक रहेंगी। 

हालाँकि, पिंगल नामक संवत्सर खुद में शुभ संवत्सर नहीं है एवं बदहाली  की स्तिथियाँ भी बना  सकता है। वर्ष के आरम्भ में भयंकर भूकम्प, तूफान, अधिक वर्षा, चक्रवात, ओलावृष्टि आदि की संभावनाएं बड़ेंगी। यह संवत्सर विश्व के दृष्टिकोण से कष्ट लेकर आएगा लेकिन जन मानस के लिए कुछ शुभ फल भी लेकर आएगा। 
संवत्सर के राजा बुध के अस्त होने से कंठ से सम्बंधित रोग उत्पन्न हो सकते हैं एवं सर्दी जुकाम अधिक बड़ सकते हैं। यह समय संवेदनशील रहेगा एवं शेयर मार्केट में भी उथल पुथल हो सकती है। बैंकिंग के लिए यह वर्ष कठिन रह सकता है एवं क्रिप्टो करेन्सी में भी भारी नुकसान बन सकते हैं एवं इस तरफ़ भी सोच समझ कर निवेश करें। चंद्रमा के भी अस्त होने से मानसिक एवं भावनात्मक तौर पर प्रजा में  रोष या बेचैनी उत्पन्न हो सकती  हैं। 
विभिन्न राशि के लिए यह नव संवत्सर कैसा रहेगा : यह आपकी लग्न राशि एवं चन्द्र राशि पर आधारित है :
१: मेष राशि : 
 
मेष राशि वालों के लिए इस अप्रैल के पश्चात काफ़ी सुकून जीवन में आएगा। लग्न में राहु एवं गुरु के होने से थोड़ा सा कन्फ़्यूज़न में रहेंगे एवं चिड़चिड़ापन बड़ेगा। आर्थिक उन्नति के संयोग बन रहे हैं एवं आप इस वर्ष कोई नयी प्रॉपर्टी बनाने की कोशिश भी कर सकते हैं। वर्ष के आखिर में विदेश यात्रा करने के अवसर खुल सकते हैं एवं इस समय परिवर्तन के योग भी बन रहे हैं। 
 
२: वृषभ राशि :
 
वृषभ राशि वालों के लिए संयम के साथ आगे बढ़ने वाला वर्ष है। आर्थिक व्यय भी अधिक हो सकते हैं एवं आपका झुकाव विदेश में भ्रमण या फिर विदेशियों द्वारा कुछ फायदा प्राप्त करने का रहेगा। वैवाहिक जीवन में कष्ट बड़ सकते हैं एवं मतभेद उत्पन्न हो सकते हैं।कार्य क्षेत्र में हालाँकि उन्नति होगी एवं आप अपनी मेहनत के बल पर सफलता हासिल करेंगे। गुरु के बारहवें भाव में गोचर से सरकार संबंधित कष्ट बड़ सकते हैं एवं सेहत की तरफ़ भी इस वर्ष आपको ध्यान देने की आवश्यकता है। 
 
३: मिथुन राशि : 
 
नव संवत्सर की शुरुआत में आपके लग्न का मालिक अस्त रहेगा एवं यह आपके लिए शारीरिक कष्ट बड़ा सकता है। वैवाहिक जीवन के लिए समय अनुकूल है एवं अगर आप में से कुछ एक के लिए विवाह के शुभ संयोग भी बन रहे हैं। मिथुन राशि वालों के लिए इस वर्ष शुभ परिणाम सामने आएँगे। एक तो आप ढैय्या से बाहर आ चुके हैं एवं गुरु का आपके एकादश भाव में गोचर आपके लिए लाभ की स्तिथियाँ बना रहा है। धन आगमन के शुभ संयोग इस वर्ष आपके लिए बन रहे हैं। कार्य क्षेत्र में खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे लेकिन अंत में विजय आपकी ही होगी। इस वर्ष भाग्य आपका साथ देगा एवं धार्मिक कार्यों में भी आपकी काफी रुचि बड़ेगी। यह वर्ष आपके लिए विवाह के भी शुभ संयोग बना रहा है।
 
४: कर्क राशि :
 
वर्ष की शुरुआत में चंद्रमा का आपके नवम भाव में गोचर एवं उसका अस्त होना कुछ कष्ट लेकर आ सकता है एवं भाग्य में अवरोध भी बड़ा सकता है। हालाँकि आय के नए स्रोत भी खुल सकते हैं। बुध का नवम भाव में अस्त रहना आपकी सेहत में प्रतिकूल असर डाल सकता है एवं सर्दी खांसी जुकाम आपके लिए कष्टप्रद रहेगा। कर्क राशि वालों की इस वर्ष ढैय्या रहेगी एवं इस वजह से किसी ना किसी बात को लेकर अवरोधों का सामना करना पढ़ सकता है। पाँव में तकलीफ़ का सामना भी करना पढ़ सकता है। हालांकि भाग्य साथ देगा एवं आप धर्म कर्म  के कार्यों में भी काफ़ी रुचि लेंगे। कार्य क्षेत्र में पॉलिटिक्स काफ़ी रहेगी एवं अपनी सूझ बुझ के साथ इसका सामना करने की आवश्यकता है । 
 
५: सिंह राशि :
 
इस नवसंवत्सर में आपके लिए खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे। वर्ष की शुरुआत में चंद्रमा आपके अष्टम गोचर कर रहा है एवं मानसिक एवं भावनात्मक तौर पर समय कठिन हो सकता है। इस वर्ष आप गूड़ विद्या की तरफ़ या फिर रीसर्च आदि में काफ़ी इच्छुक रहेंगे। हालाँकि, ग्रह गोचर पर ध्यान दें तो इस वर्ष आपके भाग्य की वृद्धि होगी एवं २२ अप्रैल २०२३ के पश्चात आपके लिए शुभ स्थितियां बनती जाएँगी। भाग्य में वृद्धि होगी एवं कुछ नयी पार्ट्नरशिप बन सकती हैं जो भविष्य में आपके लिए शुभ फल लेकर आएँगी।मान सम्मान बढ़ेगा एवं संतान समबंधित सुख भी प्राप्त करेंगे। आप में से कुछ एक के लिए विवाह के शुभ संयोग बन रहे हैं। वैवाहिक जीवन में सुख शांति महसूस होगी। विद्यार्थी वर्ग के लिए भी यह वर्ष शुभ रहेगा। 
 
६: कन्या राशि :
 
नव संवत्सर की शुरुआत में आपके लग्न का स्वामी अस्त रहेगा एवं नीचस्थ भी रहेगा। कार्य क्षेत्र में कुछ कठिनाइयाँ बड़ा सकता है। भाग्य में भी अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। वैवाहिक जीवन में कुछ उथल पुथल हो सकती है। वैसे जीवन साथी के सानिध्य में सुखद समय भी व्यतीत करेंगे। इस वर्ष आप अपनी मेहनत के बल पर बहुत कुछ हासिल करने में सक्षम रहेंगे। आपकी व्यवहार कुशलता एवं कूटनीति आपके लिए शुभ फल लेकर आएगी। क़र्ज़ों से मुक्ति तो मिलेगी लेकिन इस वर्ष व्यय भी अधिक रहेंगे। किसी ऐसी बीमारी से भी ग्रस्त हो सकते हैं जो अचानक से आपको परेशानी में डाल दे। 
 
७: तुला राशि 
 
इस नव संवत्सर की शुरुआत में आपके लिए व्यय की स्तिथियाँ बन सकती हैं। भाग्य आपके शनै शनै साथ देगा लेकिन किसी बात को लेकर मन हमेशा बेचैन रहेगा। लग्न में केतु के गोचर से मन अशांत भी रह सकता है एवं सिर दर्द की शिकायत से भी गुज़र सकते हैं। कार्यक्षेत्र में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है। संतान संबंधित सुख इस वर्ष आपको प्राप्त होगा। विद्या आदि के लिए यह वर्ष उत्तम है एवं टेक्निकल स्किल की तरफ अधिक आकर्षित रहेंगे। आय के नए स्रोत खुल सकते हैं एवं क़र्ज़ों से भी मुक्ति मिलेगी। अप्रैल के बाद आप में से कुछ एक के लिए विवाह के संयोग बन सकते हैं। 
 
८: वृश्चिक राशि :
 
यह नव संवत्सर आपकी राशि के लिए खट्टे मीठे अनुभव लेकर आ सकता है। एक तो आपकी ढैय्या चल रही है एवं गुरु का गोचर भी अप्रैल के बाद शत्रु स्थान पर राहु से युति कर गोचर करेगा।ये गोचर आपके लिए कष्ट बड़ा सकते हैं। चंद्रमा के पंचम स्थान पर गोचर से भाग्य में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। प्रॉपर्टी या जमा पूंजी में भी हानि उठानी पड़ सकती है। इस वर्ष संतान को लेकर चिंता भी रहेगी लेकिन साथ ही में संतान द्वारा कोई सकारात्मक समाचार भी मिल सकता है। इस वर्ष आपको अपनी सेहत की तरफ़ भी ध्यान देने की आवश्यकता है। पेट से सम्बंधित कष्ट बड़ सकते हैं।  इस वर्ष आप रिसर्च जैसी ऐक्टिविटी पर काफी ध्यान देंगे एवं उनके द्वारा फायदे भी हो सकते हैं। 
 
९ : धनु राशि :
 
इस वर्ष आपके लिए खट्टे मीठे अनुभव रहेंगे। अप्रैल के पश्चात आपके भाग्य में वृद्धि होगी एवं मान सम्मान भी बड़ेगा। संतान संबंधित सुख भी आप प्राप्त कर सकते हैं। नव संवत्सर की शुरुआत में  गजकेसरी योग एवं बुधादित्य योग आपके चतुर्थ भाव में बन रहा है एवं घर से सम्बंधित सुख प्राप्त करेंगे। माता द्वारा भी शुभ समाचार मिल सकता है। बुध के नीचस्थ एवं अस्त गोचर से कार्य क्षेत्र में कुछ कष्ट उत्पन्न  हो सकते हैं। यह आपके वैवाहिक जीवन में भी प्रतिकूल असर डाल सकता है। शनि का तृतीय भाव में गोचर आपके लिए समृद्धि कारक  स्तिथियाँ बनाएगा एवं आप अपनी व्यवहार कुशलता द्वारा कई मामलों को आसानी से सुलझा पाएँगे। भाग्य में वृद्धि होगी एवं मान सम्मान बड़ेगा। 
 
१० : मकर राशि :
 
इस नव संवत्सर की शुरुआत में आपकी सेहत में थोड़ा सा प्रतिकूल असर हो सकता है। भाग्य आपका साथ नहीं देगा एवं सेहत में भी प्रतिकूल असर रहेगा। कोर्ट कचहरी के मामलों में कष्ट बड़ सकते हैं।शनी के द्वितीय भाव में गोचर से आर्थिक उन्नति की स्तिथियाँ भी बनेंगी एवं  निवेशों द्वारा फायदे भी होंगे। गुरु का गोचर कार्य क्षेत्र में सुधार लेकर आएगा लेकिन माता को कष्ट मिल सकता है एवं उनकी सेहत नाज़ुक रहेगी। घर परिवार में भी व्यर्थ के वाद विवाद भी बड़ सकते हैं। जीवन साथी की सेहत भी इस वर्ष नाज़ुक रहेगी। इस वर्ष घर में चोरी की आशंका भी बड़ सकती हैं। 
 
११: कुम्भ राशि :
 
नव संवत्सर की शुरुआत में शनि आपके लग्न में गोचर करेगा एवं आपके जीवन में मान सम्मान लेकर आएगा। हालांकि, सेहत की तरफ ध्यान देने की आवश्यकता है, सर्दी जुकाम से आप परेशान हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में  उन्नति होगी एवं आप अपनी मेहनत के बल पर सफलता हासिल करेंगे।इस वर्ष आप अपनी व्यवहार कुशलता के बल पर बहुत कुछ हासिल कर पाएँगे।इस वर्ष आपका अपनी संतान को लेकर मन परेशान हो सकता है। हालांकि पूरे वर्ष, आपका  भाग्य फिर भी आपका साथ देता रहेगा।   
 
१२: मीन राशि :
 
कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी एवं मान सम्मान बड़ेगा।हालाँकि नव संवत्सर की शुरुआत में आप थोड़ा सा विरोधाभास में रहेंगे। भाग्य में उन्नति होगी एवं भाग्य आपका साथ देगा। विद्या से संबंधित कष्ट बड़ सकते हैं, एवं पढ़ाई में मन कम लगेगा। माता की सेहत में तकलीफ बड़ सकती है एवं घर परिवार को लेकर मन परेशान रहेगा। आपका अपने जीवन साथी की सेहत या फिर उनको लेकर भी मन अशांत रहेगा। वर्ष के उत्तरार्ध में आप अपने जीवन में काफी बदलाव लेकर आएँगे। हो सकता है थोड़ा सा पर्सनालिटी में भी बदलाव हो या फिर कोई नया हेयर कट या हेयर कलर में भी बदलाव ला सकते हैं। 
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