१ मार्च को पड़ रही है महा शिवरात्रि! ,,,, जाने पूजन विधि, नियम, एवं किस अभिषेक से करें शिव पूजन

आप सभी को शिवरात्रि की अनंत शुभ कामनाएँ …. ।। 
महा शिवरात्रि का उत्सव शिव और शक्ति के विवाह एवं हर्षोल्लास का उत्सव , मोक्ष प्राप्ति का उत्सव , समस्त  मनोकामनाओं  का उत्सव है.…

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इस पर्व में साधक दिन भर उपासना एवं व्रत रख कर,  शिव- शक्ति  कि पूजा  अर्धरात्रि को करते हैं।   उपासक त्रयोदशी के प्रातः काल से उपवास रख कर शिव में ध्यान लगते हैं और यथाविधि उनका पूजन अर्चन कर ही चतुर्दशी से  अपना व्रत  तोड़ते हैं। शिव तो भोले बाबा हैं , उनका  स्मरण कर जो भी इच्छा करें , उनकी कृपा से शीघ्र ही पूर्ण हो जाती है।
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भगवान शिव के पंचाक्षर मन्त्र  “ॐ नमः शिवायः।।”  का जाप करें … पंचाक्षर मन्त्र का जप शिव जी को बहुत जल्दी प्रसन्न करता है एवं भोलेनाथ की कृपा से आपकी समस्त परेशानियों से आपको मुक्ति अवश्य मिलेगी।

महामृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

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महाशिवरात्रि पूजन समय : १ मार्च २०२२ : 
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निशित काल पूजन मुहूर्त       : 12:08 AM (1st March 2022)  to 012:58 AM, 2nd March 2022
प्रदोष काल प्रथम प्रहर पूजन मुहूर्त    : 06:21 PM to 09:27 PM (1st March 2022)
रात्रि द्वित्य प्रहर  मुहूर्त            : 09:27 PM (1st March) to 12:33 AM, 2nd March 2022
रात्रि त्रित्या प्रहर मुहूर्त           : 12:33 AM to 03:39 AM, 2nd March 2022
रात्रि चतुर्थ प्रहर मुहूर्त           : 03:39 AM to 06:45 AM, 2nd March 2022 
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महाशिवरात्रि भगवान शिव एवं पार्वती माता के विवाह की तिथि है ! यदि आपका विवाह नहीं हो पा रहा है, या फिर वैवाहिक जीवन कष्टमयी है तो  शीघ्र विवाह , गृहस्थ सुख आदि के लिए निम्न मन्त्र का संकल्प ले कर १००८ बार लगातार ११ दिन जप करें। ऐसा करने से मंत्र सिद्ध हो जाता है।
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पूर्ण रूप से शिव शक्ति को समर्पण कर, उनका आवहन करें एवं निम्न मंत्र को उपरोक्त विधि से पड़ें। शिव शक्ति के आशीर्वाद से शीघ्र ही आपकी मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।
स्वयंवर पार्वती मंत्र :
“ॐ ह्रीं योगिनी योगिनी योगेश्वरी योग भयंकरी सकला स्थावरा
 जंगमस्य मुखा हृदयम् मां वसं अकरशा अकर्शय: नमः “
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शिव गायत्री मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात

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पौराणिक कथन अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही शिवलिंगम की उत्पत्ति हुई थी एवं इसका पूजन सबसे पहले नारायण एवं ब्रह्मा ने किया था, इसीलिए इस दिन को शिव जी के जन्मोत्सव के रूप में भी कई स्थानों में मनाया जाता है। 
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शिव लिंगम पर अभिषेक करने के नियम : 
प्रथम प्रहर  : जल से अभिषेक करें। 
दूसरे प्रहर   : दही से अभिषेक करें 
तीसरे प्रहर  : घी से अभिषेक करें 
चौथे प्रहर   : शहद से अभिषेक करें। 
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कौन से अभिषेक से भोले नाथ होते हैं प्रसन्न :
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भगवन शिव , बिल्व पत्र , धतूरा , नागकेशर , बेल , बेर, श्वेत फूल , चन्दन आदि से अभिषेक करने से अत्यंत प्रसन्न होते हैं ।
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शिवलिंग के अभिषेक के विभिन्न विधान है और विभिन्न सामग्रियों से अभिषेक करने से विभिन्न प्रकार के फल  प्राप्त होते हैं।  
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#  धन प्राप्ति के लिए – शहद या देसी घी से अभिषेक करें।
#  संतान प्राप्ति या संतान सुख – कच्चे ढूध से अभिषेक करें 
#  बुद्धि /  विद्या में उन्नति  –  खांड मिश्रित दूध से करें। 
#  शत्रु मुक्ति /शमन  – सरसों के तेल से अभिषेक करें 
#  अच्छी सेहत के लिए – देसी घी / मधु  से अभिषेक करें।
# चारों पुरुषार्थ प्राप्ति के लिए :  गंगा जल से अभिषेख करें।
# भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए : इत्र से अभिषेख करें ।
#  मोक्ष प्राप्ति के लिए – तीर्थ स्थान में जाकर शिवालय में अभिषेक करें। 
#  प्रेम सम्बंध में सफलता – गुड़ से अभिषेक करें। 
#  नौकरी में सफलता के लिए – केसर के चन्दन से अभिषेक करें। 
#   सुख समृद्धि के लिए – चावल से बनी खीर से अभिषेक करें।
#  क़र्ज़ मुक्ति के लिए –   गन्ने के रस से अभिषेक करें।
#  हर प्रकार के विकारों से मुक्ति के लिए – पंचामृत  से अभिषेक करें। 
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भाव के साथ शिव आराधना करने से समस्त मनोकामनाओं कि पूर्ति अवश्य होती है।  
निम्न बात का विशेषकर रक्खें ध्यान : 
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कौन सी वस्तुएँ शिव लिंग पर भूल कर भी ना चड़ाएँ :
कुमकुम , हल्दी , नारियल पानी , तुलसी , एवं केतकी के फूल।  इस बात का ध्यान अवश्य रखें की शिवलिंग पर ये अभिषेक  पूर्ण रूप से वर्जित हैं .
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महाशिवरात्रि का यह पावन पर्व आप सभी के लिए शुभ हो, भोलेनाथ की कृपा आप पर बरसे, जीवन में शिव – शक्ति की कृपा से सुख समृद्धि, यश, धन ऐश्वर्य रहे, एवं भोलेनाथ आप सभी की मनोकामनाओं की पूर्ति करें। … नमः शिवायः !!
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~  नन्दिता पाण्डेय ,
ज्योतिर्विद, आध्यात्मिक गुरु 
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